CG News: रायपुर। महंगाई भत्ता की मांग को लेकर अनिश्चितकाली हड़ताल पर अमादा कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ ने वार्ता को न्योता भेजा है। इस बातचीत के लिए तारीख, समय और स्थान सब कुछ तय हो चुका है। इस बैठक में सरकार की तरफ से दो प्रमुख सचिव और तीन सचिव बैठेंगे। कर्मचारी नेताओं और सरकार के बीच यह वार्ता हाई लेवल की होने वाली है।
इस हाई लेवल मीटिंग के लिए फिलहाल तीन कर्मचारी संगठनों को न्योता भेजा गया है। इसमें छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन का नेतृत्व करने वाले प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा की राजपत्रित अधिकारी संघ भी शामिल है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ अधिकारी- कर्मचारी संघ और छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शामिल है।
बताते चलें कि महंगाई भत्ता, बकाया एरिसर्य भूगतान, एचआरए और अवकाश समायोजन की मांग को लेकर सबसे ज्यादा फेडरेशन की तरफ आवाज बुलंद किया जा रहा है। फेडरेशन की तरफ से जुलाई से ही इन मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। फेडरेशन प्रदेश के अधिकारी- कर्मचारी संगठनों का संयुक्त संगठन है।
फेडरेशन के आह्वान पर 27 सितंबर को प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारी- अधिकारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए थे। इसकी वजह से ब्लॉक और तहसील से लेकर जिला और राजधानी तक सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ था। अब फेडरेशन अनिश्चितकाली हड़ताल पर जाने की तैयारी में है। इसके लिए 20 अक्टूबर को फेडरेशन के घटक दलों की बैठक बुलाई गई है। इससे पहले ही सरकार की तरफ से वार्ता का प्रस्ताव आ गया है।
वार्ता की टेबल पर जिन तीन कर्मचारी अधिकारी संगठनों को बुलाया गया है, उन्हें दो-दो प्रतिनिधि के साथ 15 अक्टूबर को मंत्रालय में बुलाया गया है। बैठक में सरकार की तरफ से दो प्रमुख सचिव और तीन सचिव शामिल होंगे। इसी वजह से इसे हाईलेवल मीटिंग कहा जा रहा है। इसी बैठक के आधार पर प्रदेश के कर्मचरी अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों पर विचार करने के लिए प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी की अध्यक्ष प्रमुख सचिव निहारिका बारिक हैं। निहारिका बारिश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव हैं।
इसके अलावा विधि एवं विधायी विभाग के प्रमुख सचिव रजनीश श्रीवास्तव इस समिति के सदस्य हैं। इन दो प्रमुख सचिवों के साथ 3 सचिव भी इस कमेटी में हैं। इनमें वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल भी शामिल हैं। इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के दो सचिव भी कमेटी में हैं। इनमें एक शासकीय कर्मचारी कल्याण शाखा के सचिव हैं।
जानिऐ.. क्या है कर्मचारियों संगठनों की मांग
छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारी केंद्र के समान महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। भाजपा ने 2023 के पहले घोषणा पत्र, जिसे पार्टी ने मोदी की गारंटी के नाम से जारी किया था उसमें भी यह वादा किया था। इसके साथ ही भाजपा ने महंगाई भत्ता का पुराना एरियर्स देने का भी वादा किया है। कर्मचारी इन्हीं वादों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। फेडरेशन की तरफ से होने वाले प्रदर्शनों में यह नारा भी पूरी ताकत के साथ लगाया जाता है कि मोदी की गारंटी लेकर रहिबो।
जानिए.. कितना बढ़ना है महंगाई भत्ता
छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को अभी 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को इस वर्ष जनवरी से 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसी वजह से छत्तीसगढ़ के कर्मचारी भी 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उधर, केंद्रीय कर्मचारियों का दीपावली से पहले फिर महंगाई भत्ता बढ़ सकता है, केंद्र सरकार कभी भी इसकी घोषणा कर सकती है।
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों का 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की स्थिति में सरकारी खजाने पर करीब 300 करोड़ रुपये का भार बढ़ेगा। इसी वजह से सरकार इसे टाल रही है। इस बीच हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से राज्य को 6 हजार करोड़ रुपये मिला है। ऐसे में अब कर्मचारियों की मांग जल्द पूरी होने की उम्मीद बढ़ गई है।
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