Commuted Pension: रायपुर। कम्युटेड पेंशन की रिकवरी 15 की बजाय 12 वर्ष तक ही करने की मांग छत्तीगसढ़ में भी तेज होने लगी है। इसी मुद्दे को लेकर रविवार को बिजली के रिटायर्ड इंजीनियरों, अफसरों और कर्मचारियों की एक बैठक हुई। छत्तीगसढ़ में अभी कम्युटेड पेंशन की रिकवरी 15 साल तक करने का नियम है। इसके विपरीत प्रदेश के दो पड़ोसी राज्यों सहित कुछ और राज्यों में इसे घटाकर 12 साल कर दिया गया है।
केंद्रीय कर्मचारी भी कम्युटेड पेंशन की रिकवरी की समय सीमा 3 साल तक करने की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वेतन आयोग ने भी केंद्र सरकार को अपने सुझावों में कम्युटेड पेंशन की रिकवरी की मियाद घटाकर 12 करने का कहा है। कुछ राज्यों में मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। छत्तीगसढ़ के भी रिटायर्ड इंजीनियर- ऑफिसर यूनियन भी कोर्ट जाने पर विचार कर रहा है।
जानिए.. क्या है कम्यूटेड पेंशन
कम्युटेड पेंशन(परिवर्तित पेंशन) बेहद सरल भाषा में कहें तो सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने पेंशन का कुछ हिस्सा एक मुश्त एडवांस ले सकता है। नियमानुसार किसी कर्मचारी का बेसिक पेंशन जितना बनता है उसका अधिकतम 40 प्रतिशत वह कम्युट करवा सकता है। दूसरे शब्दों में कर्मचारी अपने 7 साल के कुल पेंशन का अधिकतम 40 प्रतिशत एक कम्युट करवा सकता है। इसके एवज में सरकार हर महीने पेंशन में 8 हजार रुपये काटेगी। अभी यह कटौती 15 साल तक की जाती है। इसे ही कम करके कर्मचारी 12 साल करने की मांग कर रहे हैं।
कम्युटेड पेंशन का ब्याज दर पहले 12 प्रतिशत था। वर्ष 2006 से ब्याज दर में लगातार गिरवाट हो रही है। 2010 में यह 12 से गिरकर 8 प्रतिशत पहुंच गई थी। बताया जा रहा है वर्तमान समय में यह 5 प्रतिशत से भी कम है। इस घटी हुई ब्याज दर का पेंशनरों को कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसी वजह से पेंशनर रिकवरी की समय सीमा कम करने की मांग कर रहे हैं।
इन राज्यों ने घटा दी है कम्यूटेड पेंशन की रिकवरी की समय सीमा
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य ने कम्युटेड पेंशन की रिकवरी की समय सीमा 15 साल से घटाकर 12 साल कर दी है। करेल में भी इसे कम करके 12 साल कर दिया गया है। पंजाब में भी इसे 12 वर्ष कर दिया गया है। वहीं मध्य प्रदेश और गुजरात में रिकवरी की समय सीमा कम कर दी गई है।
Commuted Pension: हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद केवल 10 साल तक रिकवरी
हरियाणा हाईकोर्ट ने इसी साल जून में कम्यूटेड पेंशन से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए ऐसे पेंशनर जिनसें कम्यूटेड पेंशन की रिकवरी 10 वर्ष तक की जा चुकी है उनसे आगे रिकवरी पर रोक लगा दी थी। मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सैनी सरकार ने आदेश निकाल कर 10 और उससे अधिक वालों से वसूली खत्म कर दी।
इलहाबाद हाईकोर्ट ने भी इंडियन ओवरसीज बैंक के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के मामले की सुनवाई करते हुए कम्युटेड पेंशन की वसूली पर रोक ला दी। मामले की सुनवाई जस्टिस अजीत कुमार की कोर्ट में हुई। यचिकाकर्ता सुधीर अग्रवाल की तरफ से दाखिल याचिका में बताया गया था कि 2012 में जब वे रिटायर्ड हुए तब उन्होंने 7 लाख 14 हजार रुपये कप्यूट कराया।
इसके एवज में उनके पेंशन से हर महीने 6060 रुपये काटे गए। 10 साल 8 महीने में अग्रवाल से 7 लाख 14 हजार की वसूली हो गई, लेकिन उनसे करीब 2 लाख रुपये अतिरिक्त वसूल लिया गया।