CSPDCL: पत्र लिख कर कंपनी प्रबंधन को किया था आगाह, नहीं हुई सुनवाई और चली गई बिजली कंपनी के संविदा कर्मी की जान

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CSPDCL: पत्र लिख कर कंपनी प्रबंधन को किया था आगाह, नहीं हुई सुनवाई और चली गई बिजली कंपनी के संविदा कर्मी की जान

CSPDCL: रायपुर! छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली कंपनी में अव्यवस्था के कारण आए दिन विद्युत दुर्घटनाएं हो रही हैं। हाल ही में 2 दिसंबर को बालोद जिले के सुरेगांव में एक दुर्घटना में संविदा लाइन कर्मी सुनहरे कुमार की मौत हो गई।

घटना के अनुसार, सुनहरे कुमार वरिष्ठ कर्मचारी की देख-रेख में ट्रांसफर की सप्लाई बंद कर निम्न दाब लाइन में कार्य कर रहे थे। इस दौरान पास से गुजरे 11KV लाइन जिसका परमिट नहीं लिया गया था निम्न दाब लाइन के संपर्क में आ गई, जिससे दुर्घटना हो गई।
CSPDCL: गंभीर रूप से घायल सुनहरे कुमार प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर के कालडा हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, दुर्घटना के कारण उन्हें बाहरी और आंतरिक रूप से गंभीर चोटें आईं, जिससे उनके फेफड़ों में पानी भर गया और 7 दिसंबर की रात को उनका निधन हो गया।

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इससे पूर्व सुनहरे के द्वारा सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कनिष्ठ यंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था, किन्तु बिना आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए कार्य लिए जाने से 2 दिसंबर 2024 को सुनहरे घातक विद्युत दुर्घटना का शिकार हो गए और 7 दिसंबर के रात उनका निधन भी हो गया। वितरण कम्पनी में प्रति माह 2-4 विद्युत दुर्घटना सुरक्षा उपकरण के अभाव में घटित हो रही है।
यह घटना विद्युत विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, जिसमें संविदा और ठेका कर्मियों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

CSPDCL: संविदा संघ ने मृतक कर्मी के परिजनों को 25 लाख क्षतिपूर्ति और अनुकंपा नियुक्ति की मांग की

छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा संघ ने मृतक संविदा कर्मचारी के परिजनों को 25 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति और एक व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है। छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों प्रदेश महामंत्री कमलेश भारद्वाज ने बताया कि वे प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें 9 वर्षों से स्थायी नहीं किया गया है।

संविदा कर्मियों का कहना है कि विद्युत वितरण कंपनी में कार्य करते समय दुर्घटनाओं का शिकार होने का हमेशा डर बना रहता है, जबकि उनके पास ना तो उचित सुरक्षा उपकरण हैं और न ही आर्थिक समाजिक सुविधाएं हैं। ज्ञात हो अब तक 30 से अधिक संविदा कर्मी विद्युत दुर्घटनाओं में जान गंवा चुके हैं और 150 से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ का इलाज के दौरान तो उनके अंग भी काटना पड़ा है।

संविदा संघ ने लगातार 2020 से सरकार और बिजली कंपनी से आग्रह कर रहा है कि उनकी नियमितीकरण प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए, ताकि उन्हें स्थिर रोजगार, उचित वेतन और सुरक्षा मिल सके। किन्तु सरकार और कम्पनी प्रबंधन का संविदा कर्मियों के प्रति कोई प्रतिक्रिया दिखाई नहीं दे रहा है।

छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ(722) ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

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