Dhan Jurmana: रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान हमेशा से राजनीति के केंद्र में रहता है, लेकिन यह राजनीति खरीफ सीजन की धान को लेकर होगा, लेकिन इस बार रबी सीजन की धान को लेकर भी राजनीति गरमा गई है।
प्रदेश में घटते भूजल स्तर और धान की खेती में ज्यादा पानी की जरुरत को देखते हुए बीते कई सालों से राज्य में रबी सीजन में धान की खेती को होत्साहित किया जा रहा है। इसकी शुरुआत डॉ. रमन की सरकार ने हुई थी। भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में भी यह जारी रहा। इस बार फिर राज्य सरकार की तरफ से रबी सीजन में धान के बदले दूसरी फसलों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
Dhan Jurmana: इन सबके बीच रबी सीजन में धा लगाने वाले किसानों पर कथिततौर पर जुर्माना लगाने के आदेश से राजनीति गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि सरकार के इशारे पर अफसर रबी सीजन में धान की खेती करने वाले किसानों पर 50 हजार रुपये प्रति एकड़ जुर्माना लगाने का मौखिक आदेश दिए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एकतरफ किसानों को डीएपी नहीं मिल रहा है दूसरी तरफ धान नहीं लगाने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है। इससे प्रदेश के किसानों के सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित पार्टी के दूसरे नेताओं की तरफ से धान की खेती करने वाले किसानों पर जुर्माना लगाए जाने के आदेश का भाजपा की तरफ से खंडन किया जा रहा है। पार्टी के नेता इस कांग्रेस का प्रोपगेंडा बता रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने धान बेचने के लिए किसानों को जारी किए जा रहे टोकन में भी डंडी मारने का आरोप लगा रहे हैं। बैज ने कहा कि किसानों को टोकन जारी करने की बजाय इसके लिए एप बना दिया गया है, जो ठीक से काम नहीं करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी करने का वादा किया था, लेकिन केवल 16 क्विंटल का ही टोकन जारी किया जा रहा है। बैज ने इसे भाजपा का किसान विरोधी षड़यंत्र करार दिया है।