Dhan Kharidi: रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2024-25 में धान बेचने के लिए 27 लाख एक हजार 109 किसानों ने पंजीयन कराया है। यह पिछले खरीफ सीजन 2023-24 में पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या से एक लाख 35 हजार 891 अधिक है।
इस सीजन में धान बेचने वाले किसानों के साथ ही धान का रकबा भी बढ़ा है। खरीफ सीजन में प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों का धान का कुल रकबा 34 लाख 51 हजार 729 हेक्टेयर है। यह पिछले सीजन की तुलना में एक लाख 36 हजार 263 हेक्टेयर अधिक है।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए 2739 केंद्र बनाए गए हैं। सरकार ने धान बेचने वाले किसानों के लिए एक हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया है। किसानों के लिए जारी हेल्प लाइन का नंबर 0771- 2425463 है। इस नंबर पर कॉल करके किसान धान बेचने में आ रही किसी भी तरह की समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।
धान बेचने वाले किसानों को बिक्री के 72 घंटे के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा। भुगतान की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जाएगी। यह राशि केंद्र सरकार की तरफ से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर दी जाएगी। अंतर की राशि का भुगतान राज्य सरकार बाद में करेगी।
बता दें कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान 31 सौ रुपये प्रति क्विंटल के भाव से धान खरीदने का वादा किया है। इतना ही नहीं भाजपा ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी का भी वादा किया है।
दिसंबर में सत्ता में आते ही भाजपा ने इस वादे को पूरा किया। इस बार भी धान खरीदी का मापदंड और कीमत यही रहेगी।
खरीफ सीजन 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी समितियों के माध्यम से धान बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या 26.86 लाख थी, जो 2022-23 में पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या से करीब 2 लाख 59 हजार अधिक था।
वहीं, इन किसानों का पंजीकृत रकबा 33.15 लाख हेक्टेयर था। किसानों को कितना मिलेगा टोकन सरकारी समितियों में धान बेचने के लिए किसानों को टोकन लेना पड़ेगा। इतना ही नहीं खरीदी बायोमैट्रिक डिवाईस के जरिये होगी। यानी धान बेचने वाले किसान का आधार पंजीयन जरुरी है।
सरकार की तरफ से जो मापदंड तय किया गया है उसके अनुसार लघु और सीमांत किसानों को 2-2 और बड़े किसानों को तीन-तीन टोकन दिया जाएगा। टोकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया 7 नवंबर से चल रही है।
छत्तसगढ़ सरकार ने इस बार धान की खरीदी 14 नवंबर से शुरू करने का फैसला किया है। 14 नवंबर से शुरू होकर धान की खरीदी 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। नवंबर में केवल 11 दिन ही खरीदी सरकार ने 14 नवंबर से धान खरीदी करने का फैसला किया है, लेकिन नवंबर में कुल 11 दिन ही धान की खरीदी हो पाएगा। 14 नवंबर के बाद 15 नवंबर को गुरुनानक जन्म दिवस की सरकारी छुट्टी है। इसके बाद शनिवार और रविवार की छुट्टी है। इसके बाद 18 नवंबर सोमवार से 22 नवंबर तक लगातार 5 दिन खरीदी होगी। 23 और 24 को शनिवार- रविवार की छुट्टी रहेगी। इसके बाद 25 से 29 नवंबर तक धान की खरीदी होगी।
केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है। इसके अनुसार सामान्य धान 2300 रुपये और ग्रेड-ए किस्म का धान 2320 रुपये प्रति क्विलंट के भाव से खरीदा जाएगा। छत्तीसगढ़ के किसानों को इस भाव से पहले भुगतान होगा, जो धान बेचने के 72 घंटे के भीतर उनके बैंक खाते में आ जाएगा। अंतर की राशि राज्य सरकार बाद में देगी।