Meter Reader: रायपुर। स्मार्ट मीटर से घबराए छत्तीसगढ़ की सरकारी पावर कंपनी में स्टाप मीटर रीडरों ने आंदोलन की घोषणा कर दी है। मीटर रीडरों ने 1 नवंबर से पांच दिवसीय हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इस दौरान उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
स्पाट मीटर रीडर संघ ने रायपुर में प्रेसवार्ता करके अपनी समस्या और मांगों के संबंध में मीडिया को जानकारी दी। स्पॉट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी महासंघ ने पूरे महीनेभर काम देने की मांग की है।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष देवलाल पाटले, प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश सोनबेर, प्रदेश सचिव टुकेश्वर प्रसाद कर्ष, प्रदेश कोषाध्यक्ष बलाराम साहू, प्रदेश सलाहकार गजानंद साहू, प्रदेश सह-सचिव शोभलाल यादव और प्रदेश मिडिया प्रभारी नत्थू प्यासी ने कहा कि मीटर रीडिंग का काम हर महीने 1 से 15 तारीख तक चलता है। इसके बाद रीडरों के पास कोई काम नहीं रहता है।
स्पाट मीटर रीडर चाहते हैं कि उन्हें पूरे महीनेभर काम करने का मौका मिला। अभी वे केवल 15 दिन ही काम करते हैं। महासंघ चाहता है कि उन्हें कंपनी के दूसरे गैर तकनीकी कार्य करने का मौका दिया जाएगा।
महासंघ की तरफ से ऐसे गैर तकनीकी कार्यों की भी जानकारी दी गई जो मीटर रीडर कर सकते हैं। महासंघ ने कहा कि स्पॉट मीटर रीडरों को बकाया वसूली, एफओसी एंड टीएमसी के साथ समय- समय पर होन वाले सर्वे और लाइनमैन के हल्फर के काम में लगाया जा सकता है। इससे कंपनी को आर्थिक बचत होगा और मैनपावर भी मिलेगा।
महासंघ के नेताओं ने कहा कि पावर कंपनी में अभी मैन पावर की कमी है। ऐसे में कई तकनीकी कर्मचारियों से कार्यालय सहायक का काम लिया जा रहा है, जबकि फ्यूज काल का पूरा काम ठेका पर चल रहा है। ठेकेदार कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं देते हैं।
जो सुविधाएं ठेका श्रमिकों को मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है। सता रहा बेरोजगार होने का खतरा महासंघ के नेताओं ने बताया कि वितरण कंपनी में लगभग 65 लाख उपभोक्ता हैं।
लगभग 5300 मीटर रीडरों के द्वारा उपभोक्ताओं के परिसर में जाकर बिल वितरण का कार्य किया जाता है, इन 5300 मीटर रीडरों में महिलाएं भी साम्मिलित है। वर्तमान में केंद्र सरकार की स्मार्ट मीटर योजना के तहत, उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि स्मार्ट मीटर प्रीपेड पद्धति पे कार्य करता है, जिसकी वजह से मीटर रीडर बेरोजगार हो जाएंगे। स्मार्ट मीटर लगने के उपरांत मीटर रीडरों का क्या होगा, इसको लेकर संगठन की तरफ से कई पत्राचार और वितरण कंपनी के प्रबंधन के साथ कई बैठकों के बाद भी आज की तारीख तक कंपनी प्रबंधन कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया है।
समय समय पर प्रबंधन स्टेटमेंट जारी करता है कि वितरण कंपनी घाटे में चल रही है, इस वजह से स्मार्ट मीटर योजना लाई गई है। चूंकि वर्तमान में लगभग 65 लाख उपभोक्ता हैं, सभी उपभोक्ताओं के घर से पुराने मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। पुराने मीटरों की लागत और रीडिंग बिलिंग में होने वाले खर्च की तुलना स्मार्ट मीटर से करें तो स्मार्ट मीटर और उसकी सर्विस कहीं ज्यादा खर्चीली है, इससे राज्य सरकार और वितरण कंपनी के ऊपर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।
मीटर रीडर महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की तरफ से पायलट प्रोजेक्ट के तहत जशपुर जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं को बिजली सखी का नाम देकर, उनसे रीडिंग कराया जा रहा है। साथ ही 300 महिलाओं को बिजली सखी के रूप में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में हमारे साथ महिलाये भी रीडिंग कार्य कर रही हैं, इन नए बिजली सखियों के आने से उस क्षेत्र के पुराने मीटर रीडरों का क्या होगा? इस पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है। एक ओर स्मार्ट मीटर की वजह से मीटर रीडरों की नौकरी पर बन आई है, साथ ही बिजली सखी के रूप में नई महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ऐसा भेदभाव क्यों?
इस राज्य में जो भी सरकारें बन रही है, वे सिर्फ मीटर रीडरों को टारगेट कर रही है। भाजपा की सरकार है तो बिजली सखी और कांग्रेस की सरकार थी तब राजीव युवा मितान। अब मीटर रीडर करे तो क्या? जिसने अपने इतने वर्ष वितरण कंपनी को दिया।
अभिमत महासंघ की तरफ से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से मीटर रीडरों के विषय में जानकारी ली गई। मंत्रालय की तरफ से दी गई लिखित में कहा है कि वितरण कंपनी मीटर रीडरों को रीडिंग बिलिंग के अतिरिक्त अन्य कार्यों में रख सकते हैं, जिसके परिपालन में मध्यप्रदेश सरकार ने 2 सितंबर 2024 को ऊर्जा विभाग में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा का लाभ राज्य और केंद्र के श्रम कानूनों के अधीन दिया गया है।
मीटर रीडर महासंघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूरे महीने काम देने की मांग की है। साथ ही स्मार्ट मीटर लगने की स्थिति में मीटर रीडरों को मध्य प्रदेश की तरह वितरण कंपनी में ही अन्य कार्य देने की कृपा करे। महासंघ ने कहा कि ऐसे हालत में मीटर रीडर्स वितरण कंपनी की कार्यशैली से असंतुष्ट हैं।
संगठन के आहवाहन पर सभी मीटर रीडर्स 01 नवंबर से पांच दिवसीय काम बंद कर सांकेतिक हड़ताल करेंगे। इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने के लिए बाध्य हैं। जब तक राज्य सरकार और वितरण कंपनी हमारी मांगें पूरी करेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगा, जिसकी समस्त जवाबदारी संबंधित विभाग की होगी।