Tendupatta Scam रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने वाली एजेंसी एसीबी-ईओडब्ल्यू ने आज एक साथ 12 स्थानों पर छापामार कार्यवाही की। एसीबी-ईओडब्ल्यू ने जिन लोगों के यहां छापा की कार्यवाही की है, उनमें एक पूर्व विधायक के साथ वन विभाग के कर्मचारी और ठेकेदार शामिल हैं। दिनभर चली कार्यवाही के बाद एजेंसी ने बयान जारी किया है।
एसीबी-ईओडब्ल्यू ने आज बस्तर संभाग के सुकमा में कार्यवाही की है। छापा सुकमा के वनमंडलाअधिकारी अशोक कुमार पटेल, पूर्व विधायक मनीष कुंजाम और राजशेखर पुराणिक समेत अन्य के 12 ठिकानों पर मारा गया था।
एसीबी- ईओडब्ल्यू की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि छापे तेंदूपत्ता प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के लिए मारे गए हैं। बताया गया है कि इस मामले में अशोक कुमार पटेल मुख्य अभियुक्त हैं। सुकमा वनमंडलाधिकारी के पद पर रहते हुए प्रोत्साहन राशि वितरण में भ्रष्टाचार करने का आरोप है।
यह कार्रवाई वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन के दौरान संग्राहकों को दी जाने वाली लगभग 7 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि में हुई गड़बड़ी को लेकर दर्ज अपराध क्रमांक 26/2025 के तहत की गई। इस मामले में तत्कालीन वनमंडलाधिकारी अशोक कुमार पटेल को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिन पर पद का दुरुपयोग करते हुए राशि को निजी हित में खर्च करने और आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है।
जांच में सामने आया है कि अशोक कुमार पटेल ने प्राथमिक लघुवनोपज समिति के प्रबंधकों, पोषक अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर संग्राहकों को राशि न देकर उसका गबन किया। यह सब बिना किसी वैध संविदा या आदेश के किया गया।
गुरुवार को की गई छापेमारी में डीएफओ कार्यालय सुकमा के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक, मनीष कुंजाम और अन्य संबंधित लोगों के आवासों व कार्यालयों की तलाशी ली गई। इस दौरान मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों व निवेश से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। इस कार्रवाई की सबसे बड़ी बरामदगी राजशेखर पुराणिक के निवास से हुई, जहां से जांच टीम ने 26,63,700 नगद बरामद किए हैं।
इससे पूर्व भी इस प्रकरण में मुख्य आरोपी अशोक कुमार पटेल के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था। इसी सिलसिले में 8 मार्च को सुकमा स्थित डीएफओ कार्यालय एवं उनके निवास पर छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई में कुछ नगद राशि और सोना बरामद हुआ था। इसके बाद उनसे पूछताछ की गई, जिसके आधार पर अब वर्तमान छापेमारी की गई है।