Chief Secretary रायपुर। छत्तीसगढ़ का अगला मुख्य सचिव कौन होगा, यह सवाल राज्य के प्रशासनिक और सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। राज्य के मौजूद मुख्य सचिव अमिताभ जैन जून में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में नए मुख्य सचिव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। मुख्य सचिव के पद के दावेदार अफसरों के नाम और समीकरण को लेकर बातें हो रही हैं। राज्य में मुख्य सचिव के पद के दावेदारों में करीब आधा दर्जन अफसरों के नाम हैं। इनमें दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है।
मुख्य सचिव प्रदेश का प्रशासनिक मुखिया होता है। ऐसे में सामान्यत: राज्य कैडर में मौजूद सबसे वरिष्ठ अफसर को यह पद दिया जाता है। इस लिहाज से राज्य में जैन के बाद सबसे वरिष्ठ रेणु पिल्ले हैं। पिल्ले 1991 बैच की आईएए हैं। इनके बाद 1992 बैच के आईएएस सुब्रत साहू का नाम है। पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री के एसीएस रहे साहू भाजपा की सरकार आने के बाद से मंत्रालय से बाहर हैं। वे प्रशासन अकादमी में डॉयरेक्टर हैं।
वरिष्ठता क्रम में तीसरे नंबर पर अमित कुमार हैं। कुमार 1993 बैच के आईएएस हैं, वे 2016 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। राज्य कैडर में मौजूद एसीएस रैंक के अन्य अफसरों में 1994 बैच की ऋचा शर्मा, निधि छिब्बर, विकासशील और मनोज कुमार पिंगुआ शामिल हैं।
राज्य के अगले मुख्य सचिव के लिए जिन दो नामों की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उनमें अमित कुमार और मनोज पिंगुआ शामिल हैं। सीएस पद के दावेदारों में कुमार से ऊपर दो अफसर हैं रेणु पिल्ले और सुब्रत साहू। मनोज पिंगुआ से आधा दर्जन अधिकारी वरिष्ठ हैं। बता दें कि जूनियर रैंक के किसी अफसर को मुख्य सचिव बनाए जाने की स्थिति में उनसे वरिष्ठ सभी अफसरों को मंत्रालय से बाहर पदस्थ करना पड़ता है। ऐसे में पिंगुआ को सीएस बनाए जाने की स्थिति में सरकार के सामने छह लोगों को मंत्रालय से बाहर करना पड़ सकता है। वहीं, कुमार को मुख्य सचिव बनाया जाता है तो केवल एक रेणु पिल्ले को मंत्रालय से बाहर पदस्थ करना होगा, क्योंकि साहू पहले से ही बाहर हैं।
प्रशासनिक गलियरों में चल रही चर्चा में रेणु पिल्ले को भी मुख्य सचिव बनाए जाने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा है। रेणु पिल्ले जैन के बाद कैडर में सबसे वरिष्ठ अफसर हैं। वे फरवरी 2028 तक सेवा में रहेगीं। उनके पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है। ऐसे में राज्य सरकार उन्हें राज्य का प्रशासनिक मुखिया बनाती हैं तो वे प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव होंगी।
मुख्य सचिव के चयन की प्रक्रिया केंद्र सरकार भी शामिल होती है, लेकिन सामान्यत: मुख्यमंत्री जिसे चाहते हैं वहीं मुख्य सचिव बनता है। अफसरों के अनुसार मुख्य सचिव चयन की सामान्य प्रक्रिया यह है कि जीएडी वरिष्ठ अफसरों का पैनल बनाकर केंद्र सरकार को भेजता है। वहां विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक होती है। डीपीसी में राज्य और केंद्र सरकार के अफसर शामिल रहते हैं। डीपीसी राज्य सरकार की तरफ से भेजी गई सूची में से तीन नामों का पैनल वापस राज्य सरकार को भेज देती है। मुख्यमंत्री की पसंद के हिसाब से इन्हीं में से किसी एक मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया जाता है।
प्रदेश के मौजूदा मुख्य सचिव जैन राज्य के 12वें मुख्य सचिव हैं। वर्ष 2000 में राज्य बना तब अरुण कुमार पहले मुख्य सचिव थे। उनके बाद सुयोग्य कुमार मिश्रा राज्य के दूसेर मुख्य सचिव बने। एके विजयवर्गीय ने 2004 में राज्य के चौथे मुख्य सचिव के रुप में पदभार ग्रहण किया। उनके बाद आरपी बगई और फिर शिवराज सिंह मुख्य सचिव बनाए गए।
शिवराज सिंह के बाद सरकार ने 2008 में पी. जाय उम्मेन को राज्य का मुख्य सचिव बनाया। उम्मेन का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही सरकार ने 2012 में सुनील कुमार को मुख्य सचिव बना दिया। उनके बाद विवेक ढांड राज्य के मुख्य सचिव बनें। ढांड के बाद अजय सिंह मुख्य सचिव बनाए गए, लेकिन 2018 में सत्ता में आते ही कांग्रेस ने उन्हें हटाकर सुनील कुजूर को मुख्य सचिव बना दिया। उनके बाद आरपी मंडल और फिर जैन मुख्य सचिव की कुर्सी संभाल रहे हैं।
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