Computer Operator: रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी धान खरीदी केंद्रों के कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी दो मांगों को लेकर महीनेभर से आंदोलन कर रहे हैं। कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के पदाधिकारी नया रायपुर में महीनेभर से धरने पर बैठे हैं। अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए नए- नए तरीके खोज रहे हैं।
कंप्यूटर ऑपरेटरों ने आज जल सत्याग्रह करने की घोषणा की थी। कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के इस ऐलान को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके बावजूद कंप्यूटर ऑपरेटर धरना स्थल के पास स्थित तालाब में उतर गए। पानी में खड़े होकर कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के सदस्यों ने अपनी मांग के समर्थन में नारे लगा।
Computer Operator: संघ के प्रांताध्यक्ष ऋषिकांत मोहरे ने कहा कि सरकार हमारी मांगी की जिनती अनसुनी करले हमारे हौसले को कम नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि महीनेभर से प्रदेशभर धान खरीदी केंद्रों के कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।
आंदोलन कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटरों की केवल दो मांग है। ये कंप्यूटर ऑपरेटर 2017 से सरकार की सेवा में लगे हैं, लेकिन अभी तक इन्हें नियमित नहीं किया गया है। प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों में 2739 कंप्यूटर ऑपरेटर सभी संविदा में काम कर रहे हैं।
कंप्यूटर ऑपरेटरों की मांग है कि उन्हें नियमित करके उनका विभाग तय किया जाएगा। कंप्यूटर ऑपरेटरों की दूसरी मांग है कि प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के वेतनमान में की गई 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी का लाभ उन्हें अगस्त 2023 से दिया जाएगा। इससे उन्हें 23 हजार 350 रुपये मासिक वेतन मिलेगा।
Computer Operator: कंप्यूटर ऑपरेटरों के आंदोलन में संघ की महिला सदस्य और पदाधिकारी भी शामिल हैं। आज हुए जल सत्याग्रह में भी महिलाएं शामिल थीं।यहां गौर करने वाली बात यह है कि राज्य में अगले महीने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होनी है ऐसे में यदि कंप्यूटर ऑपरेटर समय पर काम पर नहीं पहुंचे तो धान की खरीदी प्रभावित होगी।
किसानों को टोकन जारी करने से लेकर किसानों द्वारा बेचे गए धान की मात्रा आदि की इंट्री यही कंप्यूटर ऑपरेटर करते हैं। राज्य सरकार ने इस बार 1 लाख 60 हजार टन धान किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है।
यह अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य है, जिसे इन कंप्यूटर ऑपरेटरों के बिना हासिल करना संभव नहीं होगा। इसके बावजूद सरकार की तरफ से उनकी मांगों को लेकर कोई पहल नहीं की गई है और इनके आंदोलन को समाप्त कराने का कोई प्रयास किया जा रहा है। इससे कंप्यूटर ऑपरेटरों में गुस्सा बढ़ रहा है।