Government Scheme: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार महतारी वंदन योजना के तहत अभी महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये दे रही है। ऐसी ही एक और योजना राज्य सरकार लेकर आ रही है।
इस योजना के हितग्राहियों को हर साल 10 हजार रुपये दिया जाएगा। राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में इसकी घोषणा की है। बजट में राशि का प्रावधान भी किया गया है। जल्द ही इसकी शुरुआत हो सकती है।
विष्णुदेव साय सरकार ने इस योजना के लिए अपने पहले ही बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 साय सरकार का पहला मुख्य बजट था, जिसे वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पेश किया था। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री चौधरी ने इस नई योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रवधान किया जाने की जानकारी दी थी।
जानिए…किन लोगों को मिलेगा 10 हजार रुपये सालाना
छत्तीगसढ़ सरकार की यह योजना राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए होगी। इस योजना के तहत छत्तीगसढ़ सरकार ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों को देगी। संभव है कि यह 10 हजार रुपये उन्हें 5 किस्तों में दी जाए।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 के पहले घोषणा पत्र में यह वादा किया था। इस योजना को पं. दीनदयाल भूमिहीन कृषि मजदूर योजना नाम दिया गया है। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में भी इस योजना के नाम का उल्लेख किया गया था।
कब शुरू होगी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को मोदी की गारंटी के नाम से जारी किया है। चालू वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे में इस योजना के जल्द शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। संभव है कि विष्णुदेव साय सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर सरकार इसकी घोषणा करें। अफसरों के अनुसार मार्च से पहले यह योजना शुरू हो जाएगी।
छत्तीगसढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए एक योजना शुरू की थी। उस योजना का नाम राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना था। इस योजना के तहत हितग्राहियों को हर साल 6 हजार रुपये देने की बात कही गई थी, लेकिन योजना का उद्घाटन करने पहुंचे राहुल गांधी के कहने पर यह राशि बढ़ाकर 7 हजार रुपये कर दी गई।
जानिए… कितने लोगों को मिलता था राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना का लाभ
भूपेश बघेल सरकार ने बाद में इस योजना का विस्तार कर दिया था1 ग्रामीण के साथ ही नगरीय निकायों में रहने वाले भूमिहीनों के साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में बैगा, गुनिया, पुजारी और मांझी के साथ ही प्रदेश के बढ़ाई, लोहार, धोबी, नाई, चरवाहा सहित अन्य लोगों को शामिल किया गया था।
कांग्रेस सरकार में इस योजना में करीब 5 लाख 63 हजार 5 सौ 76 हितग्राही थे। कांग्रेस सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूरों को परिभाषित किया था। इस श्रेणी में ऐसे लोगों और परिवारों को रखा गया था जिनके पास कोई कृषि भूमि नहीं थी और जिनकी रोजी रोटी शारीरिक श्रम के माध्यम से चलती है। यदि किसी के नाम पर केवल आवासीय जमीन है और योजना की बाकी शर्तें पूरा करता था तो भी उसे योजना का लाभ मिलता था।