IMA CG: रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना का भुगतान रोक रखा है। अस्पतालों को इस योजना के तहत 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है। अस्पताल संचालक भुगतान के लिए बार-बार आग्रह कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधा नहीं निकल पा रहा है।
भुगतान नहीं होने अस्पतालों पर आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है।आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के लंबित भुगतान का निराकरण की मांग को लेकर आज फिर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल डॉ. राकेश गुप्ता के नेतृत्व में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मिला। इसी मुद्दे पर आईएमए का प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने बकायादा ज्ञापन सौंपकर भुगतान शीघ्र कराने का आग्रह किया था, लेकिन अब तक भुगतान लंबित है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, रायपुर शाखा के सदस्यों की सामान्य सभा मीटिंग में सदस्यों ने अपनी चिंता जाहिर करके लंबे समय तक भुगतान न होने के कारण आयुष्मान योजना को स्थगित करने की मंशा व्यक्त की है। आईएमए की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री के सामने तीन मांगें रखी गई।
आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री को सौंपे ज्ञापन में तीन मांगें रखी हैं। इनमें सभी अस्पतालों का पिछले 5 माह का भुगतान बाकी है। नियत समय पर भुगतान के लिए ठोस कार्य नीति बनाई जाए,ताकि भुगतान के लिए भटकना न पड़े। आईएमए के दूसरी मांग जुलाई 2024 के बाद लंबित भुगतान एक प्रतिशत ब्याज के साथ किया जाए।
आईएमए की तीसरी मांग आयुष्मान पैकेज का पुनर्निर्धारण की है। डॉक्टर्स के अनुसार पैकेज में पिछले 10 वर्षों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। आईएमए ने आयुष्मान योजना 2022 पैकेज को बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना के समकक्ष लागू करने की मांग की है। बता दें कि जिन अस्पतालों का भुगतान अटका है उसमें प्राइवेट के साथ ही शासकीय अस्पताल भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री को सौंपे ज्ञापन में एमआईए ने कहा कि अस्पताल संचालकों की समस्या को देखते हुए भुगतान की पारदर्शी प्रणाली विकसित किए जाने की आवश्यकता है। सदस्यों ने यह भी निर्णय लिया है की बकाया राशि का भुगतान न होने पर अस्पताल संचालक उपवास सहित धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे। बताया जा रहा है कि डॉक्टर्स ने आंदोलन की तैयारी भी शुरू कर दी है।