IPS GP Singh रायपुर। छत्तसीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा चार फरवरी को सेवानिवृत्त हो गए। राज्य सरकार ने उनके स्थान पर अरुण देव गौतम को प्रभारी डीजी बनाया है। जुनेजा के रिटायर होने से राज्य के दो वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को बड़ी राहत मिल गई है। जुनेजा के रिटायरमेंट से एक वरिष्ठ आईपीएस की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है तो दूसरे की कुर्सी बच गई है।
अशोक जुनेजा के रिटायर होने से जिन दो आईपीएस अफसरों को राहत मिली है उनका नाम जीपी सिंह और हिमांशु गुप्ता है। दोनों ही 1994 बैच के आईपीएस हैं। ग्रेडेशन लिस्ट मं जीपी सिंह का नाम हिमांशु गुप्ता से ऊपर है। हिमांशु गुप्ता डीजी जेल हैं, जबकि जीपी सिंह सेवा बहाली के बाद अभी एडीजी रैंक पर ही है।
इस बात की चर्चा थी कि अशोक जुनेजा को फिर एक बार एक्सटेंशन मिल सकता है। ऐसी स्थिति में हिमांशु गुप्ता की डीजी की कुर्सी खतरे में पड़ जाती है, क्योंकि राज्य में डीजी के चार ही स्वीकृत पद हैं। अशोक जुनेजा के सेवा में रहने के दौरान चारो पद भरे हुए थे। ऐसे में जीपी सिंह की पदोन्नति कठिन थी, क्योंकि उनके सेवा से बाहर रहने के दौरान सरकार ने उन्हीं के बैच के हिमांशु गुप्ता को प्रमोट कर दिया था। जीपी सिंह को प्रमोट करने के लिए हिमांशु गुप्ता को डिमोट करना पड़ा, लेकिन अशोक जुनेजा के रिटायर होने से डीजी का एक पद खाली हो गया। इससे जीपी सिंह के प्रमोशन का रास्ता साफ होने के साथ ही हिमांशु गुप्ता की भी डीजी कुर्सी बच गई।
अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट से पहले ही जीपी सिंह के प्रमोशन को हरी झंडी मिल गई है। अब आईपीएस जीपी सिंह जल्द ही डीजी बन जाएंगे। जीपी सिंह की पदोन्नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक हो चुकी है। डीपीसी ने उन्हें एडीजी से डीजी प्रमोट करने की अनुशंसा कर दी है। अगले कुछ दिनों में जीपी सिंह के डीजी बनाए जाने का आदेश जारी हो जाएगा।