IPS Prabhat Kumar रायपुर। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में 2008/ 26/11 को हुए बड़े आतंकी हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है। अमेरिका से राणा को लेकर उड़ा विशेष विमान गुरुवार को दिल्ली पहुंचा। उसे शाम को विशेष कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड मांगा गया। कोर्ट ने आधी रात बाद 2 बजे राणा को 18 दिन की रिमांड पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया।
राणा को अमेरिका से भारत लाने में छत्तीसगढ़ कैडर के एक आईपीएस अफसर की भूमिका महत्वपूर्ण रही। राणा को अमेरिका से भारत लाने गई एनआईए की टीम में तीन आईपीएस अफसर शामिल थे। इनमें झारखंड कैडर के दो और छत्तीसगढ़ कैडर के एक आईपीएस शामिल थे। झारखंड कैडर के आईपीएस अफसरों में आशीष बत्रा के साथ महिला आईपीएस जया राय शामिल थीं। वहीं, राणा को भारत लेकर पहुंची एनआईए की टीम में शामिल छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अफसर का नाम प्रभात कुमार है।
आईपीएस प्रभात कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2019 बैच के आईपीएस हैं। बेहर तेजतर्रार अफसरों में शामिल प्रभात कुमार इस वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एनआईए में सेवाएं दे रहे हैं।
आईपीएस प्रभात कुमार की पहली फिल्ड पोस्टिंग रायगढ़ जिला में हुई थी। बतौर प्रशिक्षु उन्हें रायगढ़ के कोतरारोड़ थाना का प्रभारी बनाया गया था। उन्हें पहली पोस्टिंग दुर्ग जिला में मिली। प्रभात कुमार दुर्ग छावनी के सीएसपी पदस्थ किए गए। दुर्ग के बाद उन्हें बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भेज दिया गया। सबसे पहले उन्हें सुकमा जिला का एडिशनल एसपी बनाया गया। सुकमा के बाद दूसरे धुर नक्लस प्रभावित जिला नारायणपुर का एसपी पदस्थ किया गया। नारायणपुर में उन्होंने एक बड़े नक्सली ऑपरेशनों का नेतृत्व किया। इसके बाद वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए।
छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस प्रभात कुमार मूलत: बिहार के रहने वाले हैं। प्रभात कुमार का जन्म 14 मार्च 1987 में हुआ था। 12वीं तक की शिक्षा गांव के स्कूल में पूरी करने के बाद प्रभात कुमार ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद एमएससी की और कैंपस सलेक्शन के जरिये एक निजी कंपनी में नौकरी हासिल कर ली। इस दौरान वे अलग-अलग प्रेवश परीक्षाएं भी देते रहे। 2011 से 2013 के बीच उन्होंने सात अलग-अलग नौकरी की। 2018 में उन्होंने यूपीएससी क्रेक किया और आईपीएस बन गए।