OBC रायपुर। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को लेकर राजनीति गरमाती दिख रही है। नगरीय निकायों में प्रदेश के कई निकायों में ओबीसी वार्डों और अध्यक्षों की संख्या पहले ही कम हो गई थी। इसको लेकर राजनीति चल रही रही थी कि अब जिला पंचायत में ओबीसी का आरक्षण जीरो हो गया है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।
छत्तीगसढ़ के 33 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शनिवार को इसके लिए लाटरी निकाली गई। इसमें प्रदेश के 16 जिला पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जनजाति (एसटी) और चार पद अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हुआ है। बाकी पद सामान्य वर्ग के हिस्से में गया है। छत्तीसगढ़ के किसी भी जिला पंचायत में अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं हुआ है। जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण का डिटेल जानने के लिए यहां क्लिक करेंAMP
जिला पंचायत अध्यक्ष के पद में ओबीसी का आरक्षण जीरो किए जाने पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आखिर वही हुआ जिसकी आशंका मैंने व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष का एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 प्रतिशत है। इतनी बड़ी आबादी वाले वर्ग को आरक्षण न देना भाजपा की सोच ही हो सकती है। पूर्व सीएम ने जिला पंचायत अध्यक्ष की मौजूदा आरक्षण की सूची को रद्द करके संशोधित सूची जारी करने की मांग की है।
छत्तीसगढ़ के 33 जिला पंचायतों में से 13 पद सामान्य वर्ग के खाते में गया है। इसमें सात सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित है, जबकि छह को मुक्त रखा गया है। इधर, भाजपा नेताओं के अनुसार पार्टी सामान्य वर्ग की 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटों पर ओबीसी वर्ग को मैदान में उतारेगी। बता दें कि त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव जिसमें ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत का चुनाव दलगत आधार पर नहीं होता है।