Union Budget 2025 बजट में किसानों के लिए क्‍या है खास, KCC की बढ़ी लिमिट, दलहन में आत्‍मनिर्भर बनाने की तैयारी

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Union Budget 2025 न्‍यूज डेस्‍क। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए भारत की विकास यात्रा के लिए ‘कृषि को प्रथम इंजन’ की संज्ञा देते हुए अन्नदाताओं के लाभ के लिए कृषि क्षेत्र के विकास और उत्पादकता में वृद्धि के लिए कई उपायों की घोषणा की।प्रधानमंत्री धन-धान्‍य कृषि योजनाकेंद्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित होकर सरकार राज्‍यों की भागीदारी में प्रधानमंत्री धन-धान्‍य कृषि योजना आरंभ करेगी।

इस कार्यक्रम में मौजूदा योजनाओं और विशिष्‍ट उपायों के अभिसरण के माध्‍यम से कम उत्‍पादकता वाले, कम फसलों की बुआई और औसत से कम ऋण मानदंडों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्‍य संवर्धित कृषि उत्‍पादकता, फसल विविधता तथा सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत और प्रखंड स्‍तर पर उपज भंडारण बढ़ाना, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना और दीर्घअवधि और लघुअवधि ऋण की उपलब्‍धतता सुगम बनाना है। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।

Union Budget 2025 ग्रामीण सम्‍पन्‍नता और अनुकूलता निर्माण

केंद्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि राज्‍यों की भागीदारी से एक व्‍यापक बहुक्षेत्रीय ग्रामीण सम्‍पन्‍नता और अनुकूलता कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से कृषि में कम रोजगार की समस्‍या का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में नई जान आएगी।

इसका उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचूर अवसर पैदा करना है ताकि पलायन विकल्‍प हो न कि अनिवार्यता। वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, लघु काश्‍तकारों और छोटे किसानों तथा भूमिहीन परिवारों के कल्‍याण पर केंद्रित होगा। यह कार्यक्रम उद्यम विकास की गति को उत्‍प्रेरित करने, ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार एवं वित्‍तीय स्‍वतंत्रता, युवा कृषकों और ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोजगार और व्‍यवसाय उत्‍पन्‍न करने, उत्‍पादन बढ़ाने तथा भंडारण संबंधी कृषि के अधुनिकीकरण में सहायक होगा।

यह कार्यक्रम खासतौर पर छोटे किसानों और लघु काश्‍तकारों और भूमिहीन परिवारों को विविध अवसर प्रदान करेगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि वैश्विक और घरेलू पद्धतियों को शामिल किया जाएगा तथा बहुक्षेत्रीय विकास बैंकों से तकनीकी और वित्‍तीय सहायता मांगी जाएगी। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिले इसके दायरे में आएंगे।

Union Budget 2025 दलहन में आत्‍मनिर्भरता

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार खाद्य तेलों में आत्‍मनिर्भरता बढ़ाने के लिए राष्‍ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन कार्यान्वित कर रही है। सरकार ने दलहन के क्षेत्र में ठोस प्रयास कर इसमें लगभग आत्‍मनिर्भरता प्राप्‍त करने में सफलता पाई है।

किसानों ने 50 प्रतिशत तक अपने फसल क्षेत्र में इसकी काश्‍तकारी बढ़ाकर इसमें सहयोग दिया है। सरकार ने दलहन की खरीद और लाभकारी मूल्‍यों की व्‍यवस्‍था भी की है। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता के साथ दलहन की खपत में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार तुअर, उड़द और मसूर दालों पर विशेष ध्‍यान केंद्रित करते हुए छह वर्षीय ‘’दलहन में आत्‍मनिर्भरता मिशन’’ प्रारंभ करेगी। केंद्रीय एजेंसियों (नेफेड और एनसीसीएफ) में पंजीकरण और इनसे करार करने वाले किसानों से अगले चार वर्षों के दौरान ये एजेंसियां इन तीन दलहनों की पर्याप्‍त मात्रा में खरीद के लिए तैयार रहेंगी।

Union Budget 2025 सब्जियों और फलों के लिए व्‍यापक कार्यक्रम

केंद्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह काफी उत्‍साहजनक है कि लोग अब पोषण संबंधी आवश्‍यकताओं के बारे में लगातार जागरुक हो रहे हैं। यह समाज के स्‍वस्‍थ बनने की निशानी है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि आय के स्‍तर बढ़ने के साथ ही सब्जियों, फलों और श्रीअन्‍न का उपयोग लगातार बढ़ रहा है।

उन्‍होंने कहा कि उत्‍पादन बढ़ाने, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्‍करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्‍य को बढ़ावा देने हेतु राज्‍यों की भागीदारी से एक व्‍यापक कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि इसके कार्यान्‍वयन के लिए उपयुक्‍त संस्‍थानिक तंत्र स्‍थापित किया जाएगा जिसमें किसान उत्‍पादन संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

Union Budget 2025 ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर

वित्‍त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्‍वयं सहायता समूह के सदस्‍यों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की ऋण आवश्‍यकताओं के लिए ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर का ढांचा तैयार करेंगे।

बिहार में मखाना बोर्ड की स्‍थापना की घोषणा

बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना के सरकार के निर्णय की घोषणा करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कार्यकलापों में लगे लोगों को एफपीओ में संगठित किया जाएगा।

यह बोर्ड मखाना किसानों को पथ-प्रदर्शन और प्रशिक्षण सहायता उपलब्ध कराएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य करेगा कि उन्हें सभी संगत सरकारी योजनाओं के लाभ मिले।निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन का कार्यान्वयन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान परिवेश को बढ़ावा देना है।

उच्च पैदावार, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूलन के गुणों से संपन्न बीजों का लक्षित विकास और प्रचार करना तथा जुलाई 2024 से जारी किए गए बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को अनुवांशिक अनुसंधान के लिए संरक्षण सहायता प्रदान करेगी।

कपास उत्पादकता के लिए अभियान की घोषणा करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस पंच-वर्षीय मिशन से कपास कृषि की उत्पादकता और वहनीयता में पर्याप्त सुधार लाने में मदद मिलेगी और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा।

किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सर्वोत्तम सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। वस्त्र क्षेत्र के लिए हमारे 5एफ के समेकित विजन के अनुरूप, इससे किसानों की आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी और भारत के परंपरागत वस्त्र क्षेत्र में नई जान फूंकने के लिए गुणवत्तापूर्ण कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

करीब 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए लघु अवधि ऋणों की सुविधा उपलब्ध कराने में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की महत्ता का उल्लेख करते हुए वित्‍त मंत्री ने संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की है।

निर्मला सीतारमण ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता के साथ एक उर्वरक संयंत्र की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन को पुनः प्रारंभ करने से यूरिया की आपूर्ति को और अधिक बढ़ाने के साथ-साथ उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने में सहायता मिलेगी।

समुद्री खाद्य निर्यात के मामले में 60 हजार करोड़ रुपये मूल्य के मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में विश्व में भारत के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समुद्री क्षेत्र की अप्रयुक्त संभावनाओं के द्वार खोलने के लिए, हमारी सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से सतत मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क लाएगी।

chatur postFebruary 1, 2025
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