Budget रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार पर कर्ज का भार बढ़कर 1 लाख 14 हजार 279 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह राज्य के 2022-23 के कुल बजट से अधिक है। चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) का बजट भी 1 लाख 47 हजार 446 करोड़ है। यह राशि प्रदेश सरकार के कर्ज से केवल 33 हजार 167 करोड़ अधिक है। जुलाई में हुए विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक सदस्य के प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य सरकार ने बताया कि प्रदेश सरकार पर कुल एक लाख 47 हजार 279 करोड़ रुपये का कर्ज है।
मानसून सत्र में दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अपने कर्ज के एवज में 7 हजार 931 करोड़ रुपये ब्याज दे रही है। यानी हर महीने करीब 660 करोड़ रुपये ब्याज चुकाने में जा रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार को अभी और कर्ज लेना पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अब तक केवल एक बार 500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। यह भी नया कर्ज नहीं है बल्कि पुराने कर्ज को ही फिर से रिन्यू किया गया है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में सरकार ने एक ही बार में चार हजार करोड़ का कर्ज लिया था।
प्रदेश सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा कर्ज और उसका ब्याज चुकाने में जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट 1 लाख 47 हजार 446 करोड़ रुपये है, लेकिन इसमें कर्ज और ब्याज की अदायगी शामिल कर दिया जाए तो यह बढ़कर 1 लाख 60 हजार 568 करोड़ रुपये पहुंच जाएगा। हर साल के बजट में इसी तरह का प्रवधान किया जाता है। पिछले कुल सालों से यह अंतर बढ़ता जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार पर जनवरी 2023 की स्थिति में कुल 82 हजार 125 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो डेढ़ साल में बढ़कर 1 लाख 14 हजार 279 करोड़ रुपये पहुंच गया है। वहीं, जनवरी 2019 की स्थिति में कर्ज की यह राशि 54 हजार 491 करोड़ रुपये था।
बजट में कर्ज और ब्याज का हिस्सा
वित्तीय वर्ष | कुल प्रवधान | बजट (राशि करोड़ रुपये में) |
2023-24 | 132370 | 1221500 |
2022-23 | 112603 | 104000 |
2021-22 | 105213 | 97106 |
2020-21 | 102907 | 95650 |
2019-20 | 95899 | 90909 |
2018-29 | 87463 | 83179 |