CBI Raid Chhattisgarh: रायपुर। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने छत्तीगसढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती परिक्षाओं में हुई कथित धांधली की जांच तेज कर दी है। सीबीआई ने इसी सिलसिले में पीएससी की भर्ती परीक्षा 2021 में चयनित 18 अभ्यर्थियों के यहां छापा मारा है। इन दौरान सीबीआई की टीमों ने पेन ड्राइव, कम्प्यूटर के हार्ड डिस्क आदि जब्त किया है।
जानिए..क्या- क्यां जांच रही है सीबीआई
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने छापे की यह कार्यवाही बेहद गोपनीय तरीके से की है। दो दिनों तक सीबीआई की जांच चली, लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लग पाई। सीबीआई ने चयनितों के घरों पर नोटबुक, किताबों तक की जांच की है। इसके साथ ही मोबाइल, लैपटॉप, कप्यूटर के साथ पेनड्राइव की भी जांच की गई।
केंद्रीय जांच एजेंसी सभी 18 चयनितों के साथ ही उनके परिजनों के बैंक खातों की डिटेल निकाल रही है। इसके साथ ही उन सभी के मोबाइल कॉल के पूरे 5 साल के डिटेल की जांच की जा रही है। इसमें देखा जा रहा है कि ये लोग किसके- किसके संपर्क में थे।
सीबीआई इंटरव्यू लेने वालों का भी डिटेल निकाल रही है। पता लगाया जा रहा है कि इन 18 चयनितों का इंटरव्यू लेने वालों में कौन-कौन शामिल था। बताया जा रहा है कि पीएससी ने इंटरव्यू के लिए तीन अलग-अलग बोर्ड बनाया था। सीबीआई पता लगाने का प्रयास कर रही है कि किस बोर्ड में इंटरव्यू देने वालों का ज्यादा चयन हुआ है। बता दें कि इंटरव्यू लेने वालों में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी भी शामिल थे।
दो महीने पहले भी सीबीआई ने मारा था छापा
पीएससी भर्ती में धांधली की जांच कर रही है सीबीआई दो महीने पहले नवा रायपुर स्थित पीएससी कार्यालय जांच करने पहुंची थी। इसके साथ ही पीएससी के कुछ अफसरों के घरों पर भी केंद्रीय एजेंसी की टीम ने दबिश दी थी। इसमें पीएससी से जुड़े सेवानिवृत्त आईएएस अफसर भी शामिल थे।
चयनितों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा
सीबीआई सूत्रों के अनुसार जिन 18 लोगों के चयन पर संदेह जाहिर किया गया है उन्हीं के यहां जांच की गई है। अब उन सभी को पूछताछ और बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ये सभी 18 लोग किसी न किसी अफसर या नेता के रिश्तेदार हैं। प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा नेता ननकी नाम कंवर ने यह सूची हाईकोर्ट को सौंपी थी।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में 2019 से 2022 की बीच हुई भर्तियों में कुछ लोगों के चयन पर संदेह है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान यह बड़ा मुद्दा बन गया था, क्योंकि इस मामले में प्रदेश के युवा सड़क पर उतर गए थे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। तब भाजपा ने सत्ता में आने पर पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने का ऐलान किया था।
पीएससी की भर्तियों में हुई कथित धांधली को लेकर प्रदेश में दो एफआईआर दर्ज किए गए थे। एक एफआईआर ईओडब्ल्यू- एसीबी में शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थी, दूसरी एक युवक ने अर्जुंदा थाने में दर्ज कराई थी। यही दोनों केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया है।