IAS Niharika Barik: रायपुर। फोटो में पुलिस जवान के पीछे मुंह बांधकर बाइक में बैठी नजर आ रहीं महिला छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ महिला आईएएस अफसर हैं। फोटो बस्तर संभाग के सबसे खतरनाक और पहुंच विहीन अबूझमाड़ की है, जहां अब से कुछ महीने पहले तक हथियारबंद जवानों को भी जाने से पहले सोचना पड़ता था। इस नक्सल प्रभावित दूगर्म क्षेत्र में पहुंची छत्तीसगढ़ की यह महिला अफसर प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह हैं।
IAS Niharika Barik: 1997 बैच की आईएएस निहारिका बारिक के पास छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव हैं। निहारिका बारिक सिंह ने सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित गांवों का दौरा किया।
बता दें कि अबूझमाड़ क्षेत्र को कभी नक्सलियों की राजधानी कहा जाता था। उस क्षेत्र की कठिनाईयों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद से अब तक वहां का पूरी तरह राजस्व सर्वे नहीं हो गया है। ऐसे दूगर्म क्षेत्र में जाने का महिला आईएएस अफसर ने हौसला दिखाया है।
अपने इस दौरे को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया में एक पोस्ट भी किया है। आईएएस निहारिका बारिक ने लिखा है कि जैसा कि हमारे सुरक्षा बल अबूझमाड़ को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करा रहे हैं, छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले के सुदूरवर्ती गांवों तक विकास योजनाओं को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के इरकभट्टी, मासपुर, सोनपुर और डोंडीबेड़ा गांव का दौरा किया। सरकारी योजनाओं का लाभ सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर गर्व है।
आईएएस निहारिका बारिश जिन अबूझमाड़ के जिन गांवों में गई थीं वहां पहुंच मार्ग नहीं है। ऐसे में उन गांवों तक जाने के लिए आईएएस अफसर को कई किलो मीटर पैदल चलना पड़ा।
इस दौरान उन्होंने 60 किलो मीटर की यात्रा सुरक्षा बल के जवान के पीछे बाइक पर बैठक कर की। उनके साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक और महात्मा गांधी नरेगा योजना के आयुक्त रजत बंसल और उपायुक्त अशोक चौबे भी थे।
अफसरों के अनुसार प्रमुख सचिव और उनकी टीम दो दिन तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रुकी रही। इस दौरान रात भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही गुजारा। दो दिनों में स्थानीय लोगों से मुलाकात कर योजनाओं के लाभ के संबंध में जानकारी ली।
अफसरों के अनुसार आईएएस निहारिका बारिक ने सबसे पहले इरकभट्टी गांव में पानी, बिजली, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में ग्रामीणों से चर्चा की। अफसरों के अनुसार पहली बार किसी बड़े अफसर को अपने बीच देखकर ग्रामीण भी खुश नजर आए।
उन्होंने प्रमुख सचिव को बताया कि गांव में पुलिस कैंप बनने से सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है। इस दौरान प्रमुख सचिव ने राशन कार्ड, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए गांव में विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए।
आईएएस निहारिका बारिक मासपुर गांव में आंगनबाड़ी केंद्र पहुंच, जहां उन्होंने बच्चों को चाकलेट दिया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने कुपोषण को कम करने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए।
मासपुर के उप-स्वास्थ्य केंद्र में उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा की और एएनएम से दवाओं की जानकारी ली। एएनएम को निर्देश दिए गए कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए।