Journalist murder रायपुर। बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर के साथ महेंद्र रामटेके शामिल है।
इस मामले में सुरेश चंद्राकर फरार है। सुरेश के हैदराबाद में होने की सूचना पुलिस को मिली है। आरोपियों में शामिल सुरेश चंद्राकर ठेकेदार है। रितेश और दिनेश उसके भाई हैं। रामटेके उनका सुपरवाइजर है। हत्या के इस मामले में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा सुरेश चंद्राकर को एक दूसरे का करीबी बात रहे हैं।
भाजपा ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट किया है। इसमें सुरेश चंद्राकर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के साथ दिखाया गया है। भाजपा के अनुसार सुरेश चंद्राकर कांग्रेस एससी प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष है। इसके जवाब में कांग्रेस की तरफ से एक फोटो जारी किया है। इसमें सुरेश चंद्राकर को भाजपा नेता जी. वेंकट माला पहना रहे हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि सुरेश चंद्राकर ने भाजपा प्रवेश कर दिया है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने सुरेश चंद्राकर के 15 दिन पहले रायपुर में सीएम हाउस आने का भी दावा किया है।
दिवंगत पत्रकार सुरेश चंद्राकर और हत्या के आरोपियों का चचेरा भाई है। हत्या के आरोपी सुरेश चंद्राकर मूल रुप से महाराष्ट्र का रहने वाला है। 10-15 साल पहले उसका परिवार बीजापुर पहुंचा। 2005 में सुरेश चंद्राकर स्पेशल पुलिस अफसर (एसपीओ) बन गया। तब बस्तर में नक्सलवाद चरम पर था।
तब राज्य पुलिस ने स्थानीय युवाओं को जोड़ने के लिए एसपीओ भर्ती की थी। इन्हें 10 हजार रुपये महीना वेतन दिया जाता था। एसपीओ रहते सुरेश ने अपना नेटवर्क बढ़ा लिया और फिर एसपीओ की नौकरी छोड़कर ठेकेदारी करने लगा। थोड़े ही समय में वह करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया।
माना जा रहा है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या एक सड़क निर्माण में गड़बड़ी उजागर करने की वजह से हुआ है। इस सड़का का निर्माण सुरेश चंद्राकर ने किया था। करीब सौ करोड़ रुपये की यह सड़क कुछ ही महीन में उखड़ गई और सड़क पर दर्जनों गड्डे हो गए। इसकी रिपोर्ट मुकेश चंद्राकर ने अपने यूट्यूब के साथ कुछ प्रदेशिक और राष्ट्रीय खबरिया चैनलों को भेजा। इसकी वजह से सरकार ने सड़क निर्माण की जांच शुरू कर दी।
मामले का खुलासा करते हुए बस्तर आईजी सुंदरराज ने बताया कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से हत्या को अंजमा दिया। मृतक अपने यहां बुलाया और रिश्तेदारी का हवाला देते हुए कहा कि रिश्तेदार होने के बावजूद हमारे काम में सहयोग करने की बजाय बाधा डालते हो। इसको लेकर विवाद हुआ इसी दौरान रितेश चंद्राकर ने लोहे की राड से मार कर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को निर्माणाधीन सेफ्टी टैंक में डालकर उसे बंद कर दिया गया।
बता दें कि मृतक मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की रात को अपने घर से निकला था, लेकिन वह लौटकर नहीं आया। उसके भाई युकेश चंद्राकर ने अगले दिन थाने में उसके गुम होने की सूचना दर्ज कराई। बताया जाता है कि युकेश ने सुरेश चंद्राकर पर संदेह भी जारी किया। आईजी ने बताया कि कॉल डिटेल और सीडीआर की जांच के आधार पर पुलिस घटनास्थल तक पहुंची और शव को टैंक से निकाला गया।