Padma Awards: पद्म पुरस्कार यानी पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में शामिल हैं। अगले पद्म पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस, 2025 के अवसर पर किया जाएगा। इस पुरस्कार-2025 के लिए नामांकन/सिफारिश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया 01 मई, 2024 से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2024 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिश केवल राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी।
पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।
इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं।
चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।
सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए कटिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।
नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।
इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx पर उपलब्ध हैं।
• पद्म पुरस्कार वर्ष 1954 में प्रारंभ किए गए थे। वर्ष 1978, 1979 तथा 1993 से 1997 के दौरान थोड़े से अंतराल को छोड़कर, ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस पर घोषित किए गए हैं।
ये पुरस्कार तीन श्रेणियों अर्थात् पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्म श्री में प्रदान किए जाते हैं।
• पद्म विभूषण ‘असाधारण एवं विशिष्ट सेवा’ के लिए, पद्म भूषण ‘उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा’ के लिए और पद्म श्री ‘विशिष्ट सेवा के लिए’ प्रदान किया जाता है।
इन पुरस्कारों को प्रदान करने का आशय किसी विशिष्ट कार्य को मान्यता प्रदान करना है तथा ये पुरस्कार सभी प्रकार की गतिविधियों/क्षेत्रों जैसे कि कला, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, चिकित्सा, सामाज सेवा, विज्ञान और इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवाओं के लिए प्रदान किए जाते हैं।
चयनित किए जाने वाले व्यक्ति की उपलब्धियों में लोक सेवा का तत्व होना चाहिए। यह किसी विशिष्ट क्षेत्र में उत्कृष्टता नहीं अपितु उत्कृष्टता से अधिक होना चाहिए।
सभी व्यक्ति जाति, व्यवसाय, पद अथवा लिंग के भेदभाव के बिना इन पुरस्कारों के लिए पात्र होते हैं। तथापि, सरकारी कर्मचारी जिनमें, डॉक्टरों तथा वैज्ञानिकों को छोड़कर, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में कार्य कर रहे कर्मचारी भी शामिल हैं, इन पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं।
ये पुरस्कार सामान्यतः मरणोपरान्त प्रदान नहीं किए जाते हैं। तथापि, अत्यधिक पात्र मामलों में सरकार मरणोपरान्त पुरस्कार प्रदान करने पर विचार कर सकती है, यदि सम्मानित किए जाने के लिए प्रस्तावित व्यक्ति का निधन हाल ही में अर्थात् उस वर्ष के गणतंत्र दिवस से एक वर्ष पूर्व की अवधि के भीतर हुआ हो जिस पर उक्त पुरस्कार को घोषित किया जाना प्रस्तावित हो।
उच्चतर श्रेणी का पद्म पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को ही प्रदान किया जा सकता है जिसके मामले में पूर्व पद्म पुरस्कार प्रदान किए जाने के समय से कम से कम पांच वर्ष की अवधि बीत गई हो। तथापि, अत्यधिक पात्र मामलों में, पुरस्कार समिति द्वारा इस अवधि में छूट प्रदान की जा सकती है।
सभी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों, भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, भारत रत्न और पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं तथा उत्कृष्ट संस्थानों से हर वर्ष सिफारिशें आमंत्रित करना एक सामान्य प्रक्रिया है। इनसे तथा मंत्रियों, राज्य के मुख्यमंत्रियों/राज्यपालों, संसद सदस्यों तथा गैर-सरकारी व्यक्तियों, निकायों आदि जैसे अन्य स्रोतों से प्राप्त सिफारिशों को भी पद्म पुरस्कार समिति के समक्ष रखा जाता है। पद्म पुरस्कार समिति का गठन प्रति वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है।
नामांकन आमंत्रित करने की तारीख तथा नामांकन/सिफारिश की प्राप्ति की अंतिम तारीख क्रमशः 1 मई तथा 15 सितम्बर है। इस अवधि के दौरान प्राप्त नामांकनों पर ही विचार किया जाता है।
पद्म पुरस्कार समिति द्वारा की गई सिफारिशें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत की जाती हैं।
एक वर्ष में प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों की कुल संख्या (मरणोपरान्त पुरस्कारों तथा विदेशियों को दिए जाने वाले पुरस्कारों को छोड़कर) 120 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इन पुरस्कारों की घोषणा प्रति वर्ष 26 जनवरी के अवसर पर की जाती है तथा ये राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए जाते हैं। यह समारोह सामान्यतः मार्च/अप्रैल माह में आयोजित किया जाता है।
इस अलंकरण में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और मुहर से जारी की गई एक सनद (प्रमाण-पत्र) तथा तमगा (मेडल) शामिल होता है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता के संबंध में संक्षिप्त ब्यौरे वाली एक स्मारिका भी समारोह वाले दिन जारी की जाती है।
पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को तमगा (मेडल) की एक प्रतिकृति भी प्रदान की जाती है जिसे वे अपनी इच्छानुसार किसी भी समारोह/राजकीय समारोहों आदि में पहन सकते हैं।
यह पुरस्कार कोई पदवी नहीं है और इसे पत्र-शीर्षों, निमंत्रण-पत्रों, पोस्टरों, पुस्तकों आदि पर पुरस्कार विजेता के नाम के आगे या पीछे उल्लिखित नहीं किया जा सकता है। इसके दुरुपयोग की स्थिति में, चूककर्ता को इस पुरस्कार से वंचित कर दिया जाएगा। इन पुरस्कारों के साथ कोई नकद-भत्ता अथवा रेल/हवाई यात्रा में रियायत आदि के रूप में कोई सुविधा/लाभ प्रदान नहीं किया जाता है।