Power Company रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज़ मुख्यालय, रायपुर में आयोजित ‘देहदान महादान‘ विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। इसमें देहदान, अंगदान और नेत्रदान का महत्व विस्तार से बताया गया। वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक भीमसिंह कंवर ने कहा कि हमारे जीवन का एक लक्ष्य होना चाहिये, मैं कौन हूं और जीवन क्यों मिला है, यह सोचते हैं तो स्पष्ट होता है कि जिंदगी के बाद हम अपने शरीर को चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा के लिये दान कर सकते हैं, इससे स्वयं का महाकल्याण होता है।
Power Company छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के मानव संसाधन विभाग के तत्वावधान में यह आयोजन डंगनिया स्थित विद्युत सेवा भवन के सभागार में हुआ। इसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों ने पॉवर पाइंट के माध्यम से जानकारी दी।एम्स की प्रोफेसर डॉ. मनीषा बी सिन्हा ने देहदान का चिकित्सा शिक्षा में महत्व पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक मृत्यु के छह घंटे के भीतर शरीर अस्पताल पहुंच जाना चाहिये, ताकि उस शरीर के अंगों का उपयोग किसी दूसरी जिंदगी को बचाने के लिये किया जा सके।
Power Company एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनय राठौर ने अंगदान के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एक ब्रेनडेड शरीर से आठ लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है। छत्तीसगढ़ में अब अंगदान की सुविधाएं विकसित हो चुकी हैं। हाल ही में कोरबा के साहू परिवार ने अपने बच्चे का शरीर ब्रेनडेड के बाद दान दिया, जिसमें हृदय, फेफड़ा, किडनी, लीवर, आंख और अन्य अंग का उपयोग दूसरे जीवन बचाने में किया गया।
Power Company AMPनेत्र विशेषज्ञ डॉ. विजया साहू ने कहा कि नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। नेत्रदान के लिए परिजनों की जागरूकता जरूरी है। इस अवसर पर महाप्रबंधक वित्त वाईबी जैन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता विनोद अग्रवाल, डीजीएम पंकज सिंह, परम जीवन फाउंडेशन की अजंता चौधरी, महेंद्र तिवारी विशेष रूप से उपस्थित थे। संचालन प्रकाशन अधिकारी गोविंद पटेल ने किया।